उमरिया - जिले के अंतिम छोर मे बसा आदिवासी गांव अंतरिया जल धरा मे जल संसाधन विभाग ने बांध स्वीकृत की है । करोडो के लगात से बनने वाले इस बांध से अंतरिया गांव पूरी तरह तथा जलधरा डोंगरगवां मानिकर , मझौली, आंशिक रूप से उजड़ जाएगा। पूरी तरह से उजड़ रहे अंतरिया के निवासी भयभीत जिंदगी जी रहे है। गांव वालो का आरोप है कि बांध मंजूर करने के पहले उनसे राय सुमारी नही की गई उन्हें उनके खाता मे मुआवाजा की राशि अंतरित की गई है और कहा जा रहा है कि किसानो ने मुआवाजा ले लिया है यह सरासर झूठ है। २५ फरवरी २०२० को कलेक्टर के जनसुनवाई मे आये सैकड़ो आदिवासियो ने शिकायत करते हुए कहा कि जैसे बिना बताए राशि अंतरित की गई है वैसे ही सरकार राशि वापस ले ले। वो किसी कीमत पर गांव और जमीन नही छोड़ेगे। इस अवसर पर प्रेम सिंह, लम्मू सिंह, रघुनाथ, बालरूप, कंचन बाई, कुसउ, दल सिंह, भगत सिंह, धु्रव सिंह, शिवनाथ सिंह, अर्जुन सिंह, फूल सिंह, बसोरी, रामदीन, शंकर सिंह, सत्तर सिंह, ठग्गू सिंह, नानदाउ, तितरन, चमर सिंह, रघुनाथ सिंह, गंभीर सिंह आदि सहित सैकड़ो किसानों ने मुख्यमंत्री , जल संसाधन मंत्री एवं पुलिस अधीक्षक के नाम का ज्ञापन कलेक्टर को सौपा है।
बांध विस्थापन से भयभीत अंतरिया के आदिवासी