उमरिया - राष्ट्रीय आदिवासी कला शिविर बांधवगढ़ में जहां एक ओर सभी आदिवासी चित्रकार अपने अपने अलग अलग विषयों पर चित्र बना रहे थे वहीं एक चित्र ऐसा भी तैयार हुआ जिसमें सामूहिक रूप से सभी ने एक कैनवास में चित्रकारी कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। इस कैनवास का शीर्षक गांधी का भारत है। इसकी परिकल्पना चित्रकार आशीष स्वामी ने की । रेखांकन शिवम खण्डेलवाल ने किया एवं चित्रण सभी गोंड , भील, बैगा आदिवासियों के साथ तीन आधुनिक चित्रकार भाउराव बोदड़े, विनय अंबर, सुप्रिया अंबर ने भी इस चित्र में चित्रांकन किया। गांधी का भारत चित्र की विशेषता यह है कि गांधी के चेहरे में छोटे छोटे खण्डों में अलग अलग कलाकारों ने उन्हीं के विचारों को प्रदर्शित किया है। कहंीं बंदर तो कहीं पेड़ तो कहीं चरखा, कहीं आंगन आदि प्रमुख है। चित्र के शीर्ष में ललित कला अकादमी के अध्यक्ष नई दिल्ली उत्तम पाचारणें के हस्ताक्षर है। साथ ही जिले के कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी एवं उनकी धर्म पत्नी शालिनी सोमवंशी के उद्घाटन अवसर पर किए हस्ताक्षर है। चित्र में
जय सिंह पट्टा, राजेंद्र कुमार उईके, गणेश कुशराम, सुनील टेकाम, सुनील श्याम, गरीबा तेकाम, रिंकू बाई, मंदाकिनी तेकाम, चरण सिंह मरावी, शोभा रानी धुर्वे , प्रदीप धुर्वे , अमित परस्ते, संतोष परस्ते, ज्योति बाई उईके, किशन उईके, चंद्र कली, दीपिका धुर्वे, टेकराम सिंह नेताम, संतोष श्याम, चित्रकान्त श्याम, धन सिंह पट्टा, शिवलाल उरवेति, विदेशो मे ख्याति प्राप्त जुधईया बाई बैगा, संतोषी बाई बैगा, झूलन भाई बैगा, फागुनी भाई बैगा, भारती श्याम, संभव सिंह श्याम, गीता बारिया चित्रकारों ने गांधी का भारत में अपनी अपनी कला का समावेश किया।
गांधी का भारत बना चित्रकारों ने दिखाया हुनर