पाली और नौरोजाबाद क्षेत्र से निकल रही अवैध रेत 


उमरिया।  इन दिनों उमरिया जिला जहां एक ओर अपराधियो का गढ़ बन रहा है वहीं दूसरी ओर अवैध रेत परिवहन एवं उत्खनन का काम भी जोरो पर चल रहा है। खनिज विभाग का पखवाड़ा भी नाकाफी साबित हो रहा है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि प्रशासन महज ढकोसला कर रहा है। अपराधियों एवं अवैध रेत कारोबारियों पर किसी भी प्रकार की कठोर कार्यवाही नही की जा रही है जिसके चलते इनके हौसले दिन प्रतिदिन बुलंद होते जा रहे है। नौरोजाबाद और पाली में रेत चोरी का कारोबार बेखौफ जारी है। वन विभाग और पुलिस की मिली भगत से रेत चोरी का खेल जमकर हो रहा है। रायपुरए बन्नौदा से रेत निकाली जा रही है और बिरसिंहपुर पाली में बिना किसी खौफ के सप्लाई की जा रही है। यह पूछने वाला कोई जिम्मेदार नजर नहीं आ रहा कि आखिर रेत चोर रेत ला कहां से रहे हैं। रेत सप्लाई करने वाले सीना चौड़ा करके बताते हैं कि पुलिस और फारेस्ट में कहां कितना देते हैं और तहसील में उनका कहां कैसी सेटिंग है। यह सही भी है कि बिना पुलिस और फारेस्ट के सहयोग के रेत चोरी का खेल नहीं खेला जा सकता और बडे अधिकारियों का संरक्षण अलग मिल रहा है। रेत चोरी के धंधे में लगे लोग जब रेत सप्लाई करते हैं तो वे खुद उन लोगों को बताते हैं कि रेत इसलिए महंगे दामों पर सप्लाई की जा रही है क्योंकि पुलिस और फारेस्ट को प्रति गाडी प्रति महीने दस हजार रुपए देना पड़ता है। जब पुलिस और फारेस्ट के लोगों को पैसा दिया जा रहा है तो स्वाभाविक है कि चोरी करने वाले लोग भी कुछ कमाएंगे तो वे भी मनमाना पैसा रेत खरीदने वालों से वसूलते हैं। हालांकि पुलिस और फारेस्ट के लोगों का कहना है कि वे किसी से पैसा नहीं लेते और रेत भी शहर में नहीं आ रही है। यह और बात है कि शहर में लगे रेत के ढेर इन्हें दिखाई नहीं पड रहे हैं। बिरसिंहपुर पाली शहर और आसपास कई जगह निर्माण कार्य जारी हैं। इन सभी जगहों पर रेत के ढेर देखे जा सकते हैं। सवाल यह उठता है कि जब रेत का काम बंद है तो फिर रेत आ कहां से रही है। इस सवाल का सीधा सा जवाब है कि रेत चोरी की जा रही है और रेत चोर पुलिस और फारेस्ट के अधिकारियों के यार दोस्त बन गए हैं। साधारण आदमी को पुलिस से मिलने के लिए भले ही कई चक्कर लगाने पड़ जाएं लेकिन रेत चोर अधिकारियों के ऑफिस से लेकर घर तक कभी भी आ जा सकते हैं। पाली के थाना प्रभारी राजेश चंद्र मिश्रा से चर्चा की गई तो उन्होंने पत्रकारों को ही निगरानी करने की नसीहत दे दी। उनका कहना है कि अगर आपको लगता है कि रेत की चोरी हो रही है तो आप खुद निगरानी कर लो।