उमरिया - जिले सहित पाली, नौरोजाबाद, मानपुर , करकेली, चंदिया में होलिका दहन किया गया। इस अवसर पर नगर के बस स्टैण्ड, झिरिया मोहल्ला, कैंप मोहल्ला, पुराना पड़ाव, खलेसर, रमपुरी, मोहनपुरी, फजिलगंज सहित अन्य जगहों पर होलिका दहन किया गया एवं प्रसाद का वितरण किया गया। उक्त अवसर पर लोगों ने एक दूसरे केे गालों पर गुलाल लगाकर होली पर्व की बधाई दी। इसी के साथ ही लोगो ने फेसबुक एवं वाट्सअप केे जरिये भी एक दूसरे को होली के त्यौहार की बधाईयां प्रेषित की । होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय लोगों का त्योहार है। रंगों का त्योहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। दूसरे दिन आज जिसे धुरड्डी धुलेंडी धुरखे या धूलिवंदन कहा जाता है . आज मनाया जाएगा . लोग एक दूसरे पर रंग अबीर.गुलाल इत्यादि फेंकते हैं. ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और घर.घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं। एक दूसरे को रंगने और गाने.बजाने का दौर दोपहर चलता है। इसकेे बाद स्नान करके विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एकदूसरे के घर मिलने जाते हैं गले मिलते हैं और मिठाइयाँ खिलाते हैं। राग.रंग का यह लोकप्रिय पर्व वसंत का संदेशवाहक भी है। राग अर्थात संगीत और रंग तो इसके प्रमुख अंग हैं ही पर इनको उत्कर्ष तक पहुँचाने वाली प्रकृति भी इस समय रंग.बिरंगे यौवन के साथ अपनी चरम अवस्था पर होती है। होली का त्योहार वसंत पंचमी से ही आरंभ हो जाता है। उसी दिन पहली बार गुलाल उड़ाया जाता है। इस दिन से फाग और धमार का गाना प्रारंभ हो जाता है। खेतों में सरसों खिल उठती है। बाग.बगीचों में फूलों की आकर्षक छटा छा जाती है। पेड़.पौधेए पशु.पक्षी और मनुष्य सब उल्लास से परिपूर्ण हो जाते हैं। खेतों में गेहूँ की बालियाँ इठलाने लगती हैं। किसानों का ह्रदय खुशी से नाच उठता है। बच्चे.बूढ़े सभी व्यक्ति सब कुछ संकोच और रूढियाँ भूलकर ढोल .झाँझ.मंजीरों ऽकी धुन के साथ नृत्य.संगीत व रंगों में डूब जाते हैं। चारों तरफ रंगों की फुहार फूट पड़ती है। होली के दिन आम्र मंजरी तथा चंदन को मिलाकर खाने का बड़ा माहात्म्य है।
रंगो से गुलजार हुआ बाजार
होली पर्व को मनाने नगर केे प्रमुख स्थलों पर रंगों की दुकान से बाजार गुलजार हो गया है। कल दिन बाजारों में चहल पहल बनी रही । नगर के लोग दुकानो में रंगी बिरंगी पिचकारी , रंग, गुलाल , अबीर खरीदते नजर आये। बाजार में जगह जगह रंगो की दुकान लगाई है। दुकानो में विभिन्न प्रकार के मुखौटे लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए है।
जली होलिका, आज उड़ेगा गुलाल