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एबीवीपी ने भारतरत्न डॉ राजेन्द्रप्रसाद एवं  चन्द्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि पर किया याद

 उमरिया- बिरसिंहपुर पाली- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला उमरिया  द्वारा जिले भर में चंद्रशेखर आजाद एवं भारत के पहले राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेंद्रप्रसाद को उनके पुण्यतिथि पर एबीवीपी कार्यकर्ताओ द्वारा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई।जिसमे छात्र नेता हिमांशु तिवारी द्वारा बताया गया कि  स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को लोग जितना जानते हैं उससे कहीं अधिक गहराई उनमें थी. देश के लिए उनका योगदान स्वतंत्रता संग्राम में बहुत गहरा है. जवाहरलाल नेहरू, वल्लभ भाई पटेल और लाल बहादुर शास्त्री के साथ भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन के महत्वपूर्ण नेताओं में से एक रहे डॉ राजेंद्र प्रसाद ने महात्मा गांधी की तरह ही देश के लिए वकालत छोड़ दी थी.उत्कर्ष माथुर ने बताया चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्यप्रदेश के झाबुआ में हुआ था। चंद्रशेखर आजाद की मां उन्हें संस्कृत का शिक्षक बनाना चाहती थीं। जिसके लिए चंद्रशेखर को काशी विद्यापीठ भेजा गया था। उस वक्त ही जलियावाला बाग हत्याकांड हुआ था, जिसके बाद चंद्रशेखर 1920 को शुरू हुए असहयोग आंदोलन से जुडऩे। साल 1920 में मात्र 14 वर्ष की उम्र में चंद्रशेखर आजाद गांधी जी के असहयोग आंदोलन से जुड़े। उन्हें आंदोलन के लिए गिरफ्तार किया गया। जहां उन्हें 15 कोड़ों की सजा सुनाई गई थी। उस वक्त का एक किस्सा बहुत चर्चित है। जब उनसे न्यायाधीश के सामने पेश किया गया तो उन्होंने अपना नाम आजाद बताया। पिता का नाम स्वतंत्रता और जेल को अपना घर बताया। चंद्रशेखर आजाद ने लाला लाजपत राय की मौत के बाद साल 1928 में लाहौर में ब्रिटिश पुलिस ऑफिसर एसपी सॉन्डर्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी। साल 1931 में चंद्रशेखर आजाद इलाहाबाद के एलफेड में अंग्रेजो को टक्कर देने की योजना बना रहे थे। उसी वक्त अंग्रेजों ने उन पर हमला बोल दिया। इस हमले में आजाद बुरी तरह से घायल हो गए थे। चूंकि आजाद ने कहा था कि अंग्रेज उन्हें पकड़ नहीं सकते हैं और वह आजाद ही रहेंगे। अपनी इस प्रतिज्ञा को पूरा करते हुए उन्होंने खुद को गोली मार ली थी।जिसमे जिला संयोजक हिमांशु तिवारी,सहमंत्री उत्कर्ष माथुर,प्रांतकार्यकरिणी सदस्य अकाश तिवारी,ब्लॉक संयोजक अवधेश पटेल,धीरेंद्र सिंह,हरिचंद्र सिंह,हरभजन सिंह,सनम सिंह,शिवम,अरविंद,अवता,मुकेश,बुद्धराज,गया,अखिलेश,दीपक,सत्यम,अशोक,हरिसिंह,मानकेश्वर,हेमंत,लखन,भुवनेश्वर, इंद्रदेव, राकेश,पंकज,सुभास सिंह  एवं सभी उपस्थित रहे।