उमरिया - आदिवासी बहुल क्षेत्र के गरीब मजदूरों के लिये तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य से मिलने वाली मजदूरी एवं बोनस राशि एक मुख्य जीवन यापन का साधन माना जाताहै । मप्र के पिछले सरकार द्वारा तेंदूपत्ता की मजदूरी और बोनस राशि अच्छे दामो पर जल्द मिल जाया करती थी । तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य में गरीब मजदूरों के सपरिवार सहित . वह चाहे छोटे बच्चों की मां होंए गर्भवती महिला हों, नई विवाहिता बहू हों, यहां तक की वृध्द और बच्चे भी मजदूरी करतेहैं ।
सूत्रों की माने तो पिछले वर्षों में तेंदूपत्ता संग्रहण तोड़ाई काम के खत्म होते ही के हप्ते में मजदूरी और जुलाई अगस्त के महीने में बोनष की अच्छी कीमतों में राशि मिल जाया करती थी, इसीलिये मजदूर अपने अन्य सभी कामों को छोड़कर तेंदूपत्ती संग्रहण कार्य में जुटजाया करतेहैं । तेंदूपत्ता के मजदूरी और बोनस राशि से क्षेत्र के गरीब मजदूर एवं किसान खेती के कामए बच्चों के पढ़ाई फीस भुगतान बच्चों की शादी करने जैसे कई प्रमुख कार्य कर लिया करते थे ।
मानपुर रेंज के सरमनियां, बिजौरी, चिल्हरी के साथ कई समितियों की बोनस राशि सन् 2017 से आज दिनांक तक नही बटी है । जब कि सरमनियां के साथ कई समितियों में सन् 2017 . 18 . 19 में संग्रहित तेंदूपत्ती की विक्री हो जाने की खवर मिल रहीहै ।
इस समय बच्चों की परीक्षा हो रही हैं अथवा होने वाली हैं। गरीब मजदूर पैसा के अभाव में अपने बच्चों के मासिक फीस नही दे पा रहे हैं। जिससे प्राईवेट स्कूलों से प्रवेश पत्र लेने मे बड़ी किल्लत और दिक्कतें हो रही हैं । इसी तरह कई गरीबों के पास पैसा न होने से शादी समारोह में भाग नही ले पारहे हैं । क्षेत्रीय गरीब मजदूरों ने तेंदूपत्ता बोनस की राशि के लिये शासन . प्रशासन से निवेदन ज्ञापित कियेहैं ।
सरमनिया के साथ अन्य कई समितियों द्वारा सन् 2017 में संग्रहित तेंदू पत्ता की बिक्री अभी कुछ महीने पहले ही हुई है तथा 2018 में संग्रहित तेंदूपत्ता के लगभग . 19 समितियों के पत्ती की बिक्री भी हो चुकी है। जिनकी बोनस राषि जल्द ही दिलवाई जा सकेगी और सन् 2019 के पत्ती का विक्री होजाने पर जल्द ही बोनस सम्बंधित प्रक्रिया की जावेगी ।
तीन वर्ष तक की बोनष राषि न मलने से मजदूर निराश