भ्रमण के दौरान संचालित योजनाओं की भी करें समीक्षा 

 




उमरिया -  कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए है कि जब वे मैदानी क्षेत्रों में भ्रमण में जाए तो राजस्व विभाग से संबंधित योजनाओ की समीक्षा के साथ ही शासन के अन्य विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा करें तथा स्थल परीक्षण भी करें। आपने राजस्व अधिकारियों से कहा कि खनिज के अवैध परिवहन एवं उत्खनन पर रोक लगाने हेतु स्वीकृत खदानों की लीज के अनुसार सीमांकन कराएं तथा अवैध परिवहन एवं उत्खनन पर रोक लगाने हेतु आकस्मिक चेकिंग करे। उन्होंने खनिज अधिकारी को निर्देशित किया कि जिले में स्वीकृत रेत खदानों, मुरूम की खदानों तथा पत्थर की खदानों की सूची एनआईसी उमरिया की वेबसाइट में प्रदर्शित कराएं । बैठक में सीईओ जिला पंचायत अंशुल गुप्ता, अपर कलेक्टर अशोक ओहरी, एसडीएम बांधवगढ अनुराग सिंह , एसडीएम मानपुर एवं पाली सिद्धार्थ पटेल सहित तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार उपस्थित रहे। 
 कलेक्टर ने कहा कि राजस्व अधिकारी भ्रमण के दौरान उचित मूल्य की दुकानों , कैप तथा आंगनबाडी केन्द्रों का भी नियमित रूप से निरीक्षण करें तथा पाई गई कमियों को दूर करनें का प्रयास करे। इसके साथ ही अपने कार्य क्षेत्र में मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया एवं अन्य संक्रामक बीमारियों के संक्रमण पर नजर रखें तथा किसी भी क्षेत्र से इस तरह की रिपोर्ट मिलने पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करे। जानकारियो के आदान प्रदान के लिए सूचना तंत्र विकसित करें। आपने कहा कि राजस्व अधिकारी समय समय पर मनरेगा के कार्यो का भी निरीक्षण करे। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जिले में मातृ मृत्यु दर एवं बाल मृत्यु दर को कम करनेे हेतु कुपोषण , गर्भावस्था  पंजीयन, एनीमिया से पीडित महिलाओं तथा हाई रिस्क माताओ के चिन्हांकन तथा उन्हें उपचार की सुविधा उपलब्ध करानें हेतु स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की नियमित समीक्षा करे। वर्षा काल में जल भराव वाले अथवा डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामों की नियमित मानीटरिंग करें । बाण सागर जलाशय के जल स्तर की जानकारी नियमित रूप से प्राप्त कर तदानुसार कार्यवाही करे। इसके साथ ही जिले के अन्य जलाशयों , नदियों एवं नालों में बाढ़ से सतर्क रहें । मार्ग में ऐसे पुल पुलिया जिनमें वर्षा के दौरान जल उनके ऊपर से बहने लगता है अथवा पुल, पुलिया जीर्ण शीर्ण है उन पर आवागमन मे रोक लगाने एवं संकेतक की व्यवस्था करने के साथ ही शासकीय सेवको की ड्यिुटी लगाने के निर्देश दिए। 
 कलेक्टर ने बैठक में राजस्व न्यायालयों मे लंबित प्रकरणों , आरसीएमएस में दर्ज नामांतरण प्रकरणों, बंटवारा के प्रकरणों तथा सीमांकन के प्रकरणों की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को प्रकरणों के निराकरण में तेजी लानें के निर्देश दिए है। उन्होने कहा कि राजस्व से संबंधित विभिन्न मदों में वसूली मे तेजी लाएं तथा लोक लेखा समिति एवं सीएजी की लंबित आडिट कंडिकाओं का निराकरण सुनिश्चित कराए। कलेक्टर ने कहा कि समय समय पर जन सामान्य से मिलें , आवेदनों  को निराकरण हेतु अधिकारियों के पास भेजा जाता है । संबंधित अधिकारी समय सीमा में इनका निराकरण सुनिश्चित करे। बैठक में भू अर्जन , मुआवजा वितरण , सी एम हेल्पलाईन तथा शासकीय एवं अशासकीय तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करनें के निर्देश भी कलेक्टर द्वारा दिए गए। 
 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अंशुल गुप्ता ने कहा कि जिले में नई गौशालाओ की शासन स्तर से मंजूरी मिली है । गौशालाओ के निर्माण हेतु उपयुक्त भूमि जिसमेें रास्ता एवं पानी की सुविधा उपलब्ध हो , राजस्व अधिकारी चयनित करे। आपने गौशालाओ की भूमि ग्राम पंचायत के नाम दर्ज करनें के निर्देश दिए। इसी तरह जिन ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय स्वीकृत किए गए है उनके निर्माण में भी सहयोग करनें की बात कही। 


 


भ्रमण के दौरान संचालित योजनाओं की भी करें समीक्षा 
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उमरिया -  कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए है कि जब वे मैदानी क्षेत्रों में भ्रमण में जाए तो राजस्व विभाग से संबंधित योजनाओ की समीक्षा के साथ ही शासन के अन्य विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा करें तथा स्थल परीक्षण भी करें। आपने राजस्व अधिकारियों से कहा कि खनिज के अवैध परिवहन एवं उत्खनन पर रोक लगाने हेतु स्वीकृत खदानों की लीज के अनुसार सीमांकन कराएं तथा अवैध परिवहन एवं उत्खनन पर रोक लगाने हेतु आकस्मिक चेकिंग करे। उन्होंने खनिज अधिकारी को निर्देशित किया कि जिले में स्वीकृत रेत खदानों, मुरूम की खदानों तथा पत्थर की खदानों की सूची एनआईसी उमरिया की वेबसाइट में प्रदर्शित कराएं । बैठक में सीईओ जिला पंचायत अंशुल गुप्ता, अपर कलेक्टर अशोक ओहरी, एसडीएम बांधवगढ अनुराग सिंह , एसडीएम मानपुर एवं पाली सिद्धार्थ पटेल सहित तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार उपस्थित रहे। 
 कलेक्टर ने कहा कि राजस्व अधिकारी भ्रमण के दौरान उचित मूल्य की दुकानों , कैप तथा आंगनबाडी केन्द्रों का भी नियमित रूप से निरीक्षण करें तथा पाई गई कमियों को दूर करनें का प्रयास करे। इसके साथ ही अपने कार्य क्षेत्र में मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया एवं अन्य संक्रामक बीमारियों के संक्रमण पर नजर रखें तथा किसी भी क्षेत्र से इस तरह की रिपोर्ट मिलने पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करे। जानकारियो के आदान प्रदान के लिए सूचना तंत्र विकसित करें। आपने कहा कि राजस्व अधिकारी समय समय पर मनरेगा के कार्यो का भी निरीक्षण करे। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जिले में मातृ मृत्यु दर एवं बाल मृत्यु दर को कम करनेे हेतु कुपोषण , गर्भावस्था  पंजीयन, एनीमिया से पीडित महिलाओं तथा हाई रिस्क माताओ के चिन्हांकन तथा उन्हें उपचार की सुविधा उपलब्ध करानें हेतु स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की नियमित समीक्षा करे। वर्षा काल में जल भराव वाले अथवा डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामों की नियमित मानीटरिंग करें । बाण सागर जलाशय के जल स्तर की जानकारी नियमित रूप से प्राप्त कर तदानुसार कार्यवाही करे। इसके साथ ही जिले के अन्य जलाशयों , नदियों एवं नालों में बाढ़ से सतर्क रहें । मार्ग में ऐसे पुल पुलिया जिनमें वर्षा के दौरान जल उनके ऊपर से बहने लगता है अथवा पुल, पुलिया जीर्ण शीर्ण है उन पर आवागमन मे रोक लगाने एवं संकेतक की व्यवस्था करने के साथ ही शासकीय सेवको की ड्यिुटी लगाने के निर्देश दिए। 
 कलेक्टर ने बैठक में राजस्व न्यायालयों मे लंबित प्रकरणों , आरसीएमएस में दर्ज नामांतरण प्रकरणों, बंटवारा के प्रकरणों तथा सीमांकन के प्रकरणों की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को प्रकरणों के निराकरण में तेजी लानें के निर्देश दिए है। उन्होने कहा कि राजस्व से संबंधित विभिन्न मदों में वसूली मे तेजी लाएं तथा लोक लेखा समिति एवं सीएजी की लंबित आडिट कंडिकाओं का निराकरण सुनिश्चित कराए। कलेक्टर ने कहा कि समय समय पर जन सामान्य से मिलें , आवेदनों  को निराकरण हेतु अधिकारियों के पास भेजा जाता है । संबंधित अधिकारी समय सीमा में इनका निराकरण सुनिश्चित करे। बैठक में भू अर्जन , मुआवजा वितरण , सी एम हेल्पलाईन तथा शासकीय एवं अशासकीय तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करनें के निर्देश भी कलेक्टर द्वारा दिए गए। 
 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अंशुल गुप्ता ने कहा कि जिले में नई गौशालाओ की शासन स्तर से मंजूरी मिली है । गौशालाओ के निर्माण हेतु उपयुक्त भूमि जिसमेें रास्ता एवं पानी की सुविधा उपलब्ध हो , राजस्व अधिकारी चयनित करे। आपने गौशालाओ की भूमि ग्राम पंचायत के नाम दर्ज करनें के निर्देश दिए। इसी तरह जिन ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय स्वीकृत किए गए है उनके निर्माण में भी सहयोग करनें की बात कही।