जिला दण्डाधिकारी ने शर्तो के साथ निजी क्लीनिक संचालित करनें के दिए आदेश


उमरिया  - कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने जिले में कोरोना कोविड - 19 संक्रमण से निजात पाने तथा जिले के निवासियों के समुचित ईलाज एवं स्वास्थ्य लाभ के लिए निजी क्लीनिक संचालित करने ंसंबंधी आदेश जारी किए है। जारी आदेश में विभिन्न एहतियाती उपायो कां पालन करते हुए नागरिकों की सुविधा के दृष्टिगत सामान्य बीमारियों से पीडि़त बीमारियों जनता की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जिले के समस्त स्पेशलिस्ट, जनरल प्रेक्टिशनर्स, फैमिली फिजीशियन्स आदि के क्लीनिक्स तथा आयुष एवं होम्योपैथी के रजिस्टर्ड डॉक्टर के क्लीनिक संचालित करनें की अनुमति दी है। कलेक्टर ने निजी क्लीनिक संचालित करनें वाले चिकित्सकों को निर्धारित प्रतिबंध एवं शर्तो का पालन करनें के निर्देश दिए है। जिसके तहत  कंटेनमेंट एरिया में कोई भी क्लीनिक नहीं खुलेगी। यदि कोई क्लीनिक  का कोई कर्मचारी कंटेनमेंट एरिया में रहता हो तो उसे क्लीनिक में कार्य करने की अनुमति नहीं होगी।  सभी डाक्टर्स कोविड 19 से सुरक्षा हेतु समय-समय पर जारी गाईड लाईन का पालन सुनिश्चित करेंगे तथा व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण जैसे थर्मल गन, ट्रिपल सर्जिकल मास्क, फेस शील्ड, हैंड ग्लब्स. सेनेटाईजर आदि का नियमित रूप से उपयोग करेंगे। . यथासंभव मरीजों को पूर्व अपाईमेंट के आधार पर ही क्लीनिक  में आने की अनुमति प्रदान की जावेगी।  . किसी भी पेसेंट के क्लीनिक  पर आने पर सर्वप्रथम थर्मल गन से उसका तापमान तथा पल्स ऑक्सीमीटर से उसका आक्सीजन सेच्युरेशन ज्ञात करे तथा पूर्ण संतुष्टि के उपरांत ही सामान्य उपचार प्रारंभ करें। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि क्लीनिक के वेटिंग रूम में 2-2 मीटर दूरी के मान से ही दूरी रहे। . यथा संभव क्लीनिक में ए.सी का उपयोग ना किया जावे। अत्यावश्यक होने की स्थिति में ही 25 से 27 डिग्री तापमान तथा 40 से 70 डिग्री हिम्यूडिटी पर ए.सी, चलाया जावे तथा साथ ही यह भी सुनिश्चित करे कि ए.सी का यूनिट डाक्टर की कुर्सी के पीछे हो। . क्लिनिक की खिड़कियाँ खोलकर रखे। ।एरोसोल बनाने वाली क्रियाओं जैसे नेबूलाईजर आदि का उपयोग ना करें। . क्लीनिक के बैटिंग रूम  में किताबे, खिलौने तथा अन्य अनावश्यक अनुउपयोगी सामग्री न रखें।


क्लीनिक  की साफ-सफाई तथा विसंक्रमण आदि का विशेष ध्यान रखा जावे। इस हेतु 1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट या 70 प्रतिशत अल्कोहल का उपयोग उपयुक्त होगा। . संक्रामक अपशिष्ट निपटान के लिए एक लीकप्रुफ थैली का उपयोग करे तथा पूर्व से तयशुदा एजेंसी को ही सौपे । क्लीनिक के पलोर एवं टायलेट को दिन में दो बार अनिवार्यत: साफ कराएँ। उपचार के दौरान उपयोग होने वाली सामग्री जैसे पेशेंट बेड, टेबल बी. पी. इन्स्ट्रमेंट, स्टेथेस्कोप आदि की सफाई का विशेष ध्यान में रखे। अन्य उपयोगी वस्तुएं जैसे कॉल वाले, बिजली के स्विच, रेलिंग, दरवाजे के हेंडल आदि को समय -समय पर सेनेटाईज करते रहें। मरीज के पुराने कागजों एवं रिपोर्ट को हाथ न लगाये तथा हर बार नवीन प्रिस्पेक्शन लिखें।  वेटिंग रूम में एक पोस्टर लगाया जावे जिसमें कोविड - 19 से संबंधित सुरक्षा उपायो का विस्तृत उल्लेख हो। क्लीनिक के ओ.पी.डी, का समय यथासंभव कम रखे। सायं 6.00 बजे के पूर्व क्लीनिक  का बंद करना सुनिश्चित करे। क्लीनिक संचालकों को निर्देशित किया गया है कि सर्दी, खांसी, बुखार, आक्सीजन सेच्युरेशन 95 प्रतिशत से कम मरीजों को अपने क्लीनिक पर नहीं देखेंगे तथा निकटतम फीवर क्लिनिक पर भेजेंगे तथा उसका विवरण अनिवार्यत: अंकित करें।  चिकित्सक जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक हो तथा को-मोर्वीडिटी है तो उन्हें यह सलाह दी जाती है कि वे अपना दो माह तक क्लीनिक बंद रखे तथा घर से ही अपने मरीजों को फोन पर परामर्श दें।  इन निजी क्लीनिक वाले चिकित्सकों को यह भी अनुमति दी जाती है कि वे अपने मरीजों को देखने के लिए उनके घरों में जा सकते हैं।  यह उपयुक्त होगा कि क्लीनिक के बाहर एक कर्मचारी की डयूटी लगा दी जावे, जो सभी से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर उनके लक्षण पृथक से नोट कर ले। क्लीनिक  में आने वाला कोई मरीज यदि भविष्य में कोरोना पॉजीटिव पाया जाता है तो क्लीनिक को एक दिन बंद कर पूर्णत: सेनेटाईज करने के उपरांत ही पुन: प्रारंभ करें। . यदि क्लीनिक का कोई कर्मचारी अस्वस्थ होता है, तो उसकी ड्यूटी क्लीनिक  में न लगाई जावें। अगर फीवर क्लीनिक संचालक सर्दी, खांसी, बुखार, एवं सांस लेने में तकलीफ के मरीजों को जिले में संचालित निकटवर्ती फीवर क्लीनिक पर रेफर अनिवार्य रूप से करेंगे।कलेक्टर ने निजी क्लीनिक संचालकों को निर्देशों का पालन करने तथा संबंधित थानों एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी कार्यालय को सूचित करनें के निर्देश दिए है। जिससे समय समय पर संबंधित अधिकारियों द्वारा क्लीनिक का समुचित पर्यवेक्षण एवं मानीटरिंग की जा सके।