उमरिया - मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अंशुल गुप्ता ने बताया कि राज्य शासन द्वारा नोबेल कोरोना वायरस (कोविड-19) व उससे जनित बीमारी के संक्रमण से बचाव हेतु शालाओं में पका हुआ मध्यान्ह भोजन के वितरण को बन्द किया गया है। राज्य शासन द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओ मे दर्ज छात्र-छात्राओं को माह मार्च के 11 दिवस एवं माह अप्रैल के 22 दिवस कुल 33 दिवस का खाद्य सुरक्षा भत्ता प्रदाय किया गया है। जिलें में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अन्तर्गत कुल 797 प्राथमिक शालायें है, जिसमें दर्ज बच्चों की संख्या 44360 है, जिसके विरूद्ध 41041 बच्चों को खाद्यान्न (चावल, गेहूँ) आवंटन 135435.300 किलोग्राम किया गया। इसी तरह जिले में संचालित 380 माध्यमिक शालाओं में दर्ज बच्चों की संख्या 31140 में से 27821 बच्चो को खाद्यान्न (चावल,गेहूँ) आवंटन 137713.950 किलोग्राम किया गया। छात्र-छात्राओं को स्व सहायता समूहों तथा शाला प्रबंधन समितियों के माध्यम से डोर टू डोर खाद्यान्न् वितरण किया गया ।
सीईओ जिला पंचायत द्वारा बताया गया कि राज्य शासन द्वारा ग्रीष्म कालीन अवकाश में भी मध्यान्हं भोजन एवं खाद्य सुरक्षा भत्ता0 प्रदाय करने के निर्देश दिये गये है जिसके परिपालन में प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला में दर्ज छात्र-छात्राओं को 1 मई से 15 जून 2020 तक माह मई के 24 दिवस एवं माह जून के 13 दिवस कुल 37 दिवसों का खाद्य सुरक्षा भत्ता बच्चों को प्रदाय किये जाने का निर्णय लिया गया है। जिलें में मध्यान्हं भोजन कार्यक्रम अन्तर्गत कुल 1177 प्राथमिक एवं माध्यमिक शालायें है, जिसमें दर्ज बच्चों की संख्या 75500 है, जिसके विरूद्ध 8595 बच्चों को खाद्यान्न (चावल,गेहूँ) छात्र-छात्राओं को स्व सहायता समूहों एवं शाला प्रबंधन समितियों के माध्यंम से डोर टू डोर खाद्यान्नं वितरण का कार्य किया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु 27821 बच्चों को डोर टू डोर खाद्यान्न का किया गया वितरण