स्थानीय जनो ने की शिकायत , जांच की मांग
उमरिया - जिला मुख्यालय के खलेसर में चारागाह, गोठान, श्मशान एवं बने हुये चबूतरों पर दीपक कुमार छतवानी पिता मोहन छतवानी के द्वारा व्यवस्थापन की भूमि पर कब्जा किया जाकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सार्वजनिक निस्तार भूमि पर जबरन कब्जा किये जाने के संबंध म शिकायत कलेक्टर उमरिया से की गई है। शिकायत मे बताया गया है कि हम समस्त खलेसरवासी अलग अलग जाति व समाज के लोगों का शवदाह एवं समाधि का स्थान आराजी खसरा नंबर 451 रकवा 3.549 एवं 614 रकवा 0.88 स्थित ग्राम खलेसर पह उमरिया खास नं 6 रानिमं उमरिया तहसील बांधवगढ़ म0प्र0 की भूमि पर रीवा रियासत के समय से उपयोग उपभोग करते चले आ रहे है। दीपक छतवानी पिता भगवानदास छतवानी निवासी द्वारा खसरा नंबर 451/3 की रजिस्ट्री के आधार पर खसरा नंबर 451 के सम्पूर्ण रकवे में जबरन कब्जा करना चाहता है। तहसील न्यायालय एवं श्रीमान के न्यायालय को भ्रमित कर गलत आदेश पारित करवाकर राजस्व विभाग के पटवारी, राजस्व निरीक्षक से मन माफिक जांच प्रतिवेदन तैयार करवाकर त्रुटिपूर्ण आदेश के आधार पर अपने धन, बल और उच्च स्तर पर पहुंच का दबाव बनाकर सार्वजनिक उपयोग की भूमि को हड़पना चाहता है। उनका कहना है कि यदि दीपक छतवानी के उक्त कार्य को रोका नही जाता तो खलेसर ग्रामवासियों को शवदाह एवं समाधि का अंतिम क्रियाकर्म करने लिए शासन द्वारा आवंटित भमि खसरा नंबर 451 का जुजभाग 3. 549 हेक्टेयर भूमि से वंचित हो जावेगे और आये दिन लड़ाई झगड़ा बनी रहेगीए बिना किसी वजह के मुकदमों में ग्रामवासियों को उलझना पड़ सकता है। खसरा नंबर 451 रीवा रियासत के समय से ग्राम खलेसर के निस्तारी भूमि जिसमें चारागाह, गोठान, श्मशान के लिए आरक्षित की गयी थी । कालान्तर में राजस्व दस्तावेजों में भगवत दुबे पिता नर्मदा प्रसाद दुबे का नाम कैसे दर्ज हुआए यह जांच का विषय है। यहां पर यह भी महत्वपूर्ण है कि खसरा नंबर 451 के बंटाकन नंण् 451/1, 451/2, 451/3 किस कारण से किया गया यह भी पुराने अभिलखों से जांच करने पर सच्चाई सामने आयेगी। भगवत दुबे द्वारा ग्रामवासियों के विरूद्ध व्यवहार न्यायालय उमरिया में खसरा नंबर 451/ 31 के संबंध में व्यवहार वाद प्रस्तुत किया था साक्ष्य के दौरान अपना दावा वापस लेकर दीपक छतवानी को भूमि विक्रय कर दिया । खसरा नंबर 451 के अंशभाग 3.549 हे. भूमि श्ममान हेतु नामांतरण पंजी क्रमांक 17 दिनांक 29.06.2010 को नामांतरण आदेश पारित किया गया था जिसके आधार पर राजस्व खसरा वर्ष 2010.11 दर्ज अभिलेख है। 25.06.2020 को राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी द्वारा नियम विरूद्ध किया गया सीमांकन पर आपत्ति दर्ज कर अवैधानिक सीमांकन को शून्य किया जाए। इस अवसर पर मनोज कुमार विश्वकर्मा, महेंद्र विश्वकर्मा, महेंद्र तिवारी, रजनीश गुप्ता, अजय गुप्ता, सत्य नारायण, राकेश बर्मन, राजेंद्र यादव, रमेश कोल, गेंदलाल प्रजापति, करन कोल, रीता कोल, अंजू कोल आदि उपस्थित रहे।
श्मशान घाट को भी नही छोड़ रहे भू माफिया