वकीलो ने मुख्यमंत्री के नाम का सौंपा ज्ञापन


उमरिया - कोविड-19 की महामारी के कारण मध्यप्रदेश में 14 मार्च .2020 से ही न्यायालयों के पूर्णत: बंद रहने से प्रदेश के वकीलों पर छाए गंभीर आर्थिक संकट को हल करने एवं वकील समुदाय की सहायता करने हेतु रू0 50,000 रु की राशि पाँच साल की अवधि के लिए बिना ब्याज के दिए जाने का मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन कलेक्टर उमरिया को सौपा गया।  उन्होने बताया कि कोविड- 19 की महामारी के कारण मध्यप्रदेश में समस्त न्यायालयों के पर्ण बंद रहने से पदेश के वकीलों पर गंभीर आर्थिक संकट छा गया है। कोविड-19 लॉकडाउन को अभी आगे दिनांक 13जून 2020 तक बढा दिया गया है जिसके और आगे की संभावना है जिस कारण से आगे भविष्य में भी प्रदेश में न्यायालय कब प्रारंभ होगा यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता। प्रदेश में पिछले ढाई माह की अवधि से उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालय पूर्णत: बंद है जिस कारण से समस्त अभिभाषकगण विशेषकर कनिष्ठ अभिभाषक एवं अशक्त व बुजुर्ग अभिभाषक के सामने अपने जीवन यापन हेतु गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है । कोविड-19 लॉकडाउन से देश से हुई क्षति की भरपाई एवं आर्थिक रूप से दुष्प्रभावितों की सहायता हेतु रूपये 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की है। मध्यप्रदेश में अभिभाषकगण के कल्याण हेतु मध्यप्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम लागू है जिसके अंतर्गत अधिवक्ता कल्याण योजना, परिवार कल्याण योजना, गुप इंश्यूरेंस स्कीम इत्यादि लागू की गयी है साथ ही अभी हाल ही में वर्ष 2020 में अभिभाषकों की सहायता बावत नियम भी बनाये गए है लेकिन इनमें कोविड-19 लॉक डाऊन के दौरान मध्यप्रदेश में न्यायालयों के पूर्णत: बंद रहने की दशा में प्रदेश के वकीलों पर आये आर्थिक संकट का निदान करने बावत उचित प्रावधान मौजूद नहीं है। जबकि वर्तमान संकट की स्थिति में प्रदेश के समस्त अभिभाषकगण की सहायता महोद