उमरिया - संजय गांधी थर्मल पावर स्टेशन बीरसिंहपुर के 210 मेगा वाट की यूनिटों के वार्षिक रखरखाव का जहां करोड़ों रुपए का ठेका दिया गया है वहीं बॉयलर के कार्य में बढ़ती गई लापरवाही के कारण यही यूनिट अपने सुधार के बाद 1 सप्ताह में ही बन्द हो गई जो यहां के अधिकारियों की घोर लापरवाही और मिली भगत की ओर इंगित करती है । संजय ताप विद्युत गृह की 210 मेगावाट की यूनिट नंबर 1 जो 20 जून से वार्षिक रखरखाव के लिए 19 दिनों तक बंद रखी गई और जब 9 जुलाई को उसे बिजली का उत्पादन आरंभ हुआ तब 1 सप्ताह में ही गुरूवार की रात 1 बजे यूनिट की ब्वॉयलर ट्यूब में लीकेज के कारण यूनिट से विद्युत उत्पादन ठप हो गया जो अधिकारियों द्वारा ठेकेदार कंपनियों से मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है इससे प्रतीत होता है कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद बिजली घरों का रखरखाव का काम सिर्फ कागजी लीपापोती और साफ-सफाई तक ही किया होगा? विदित हो कि संजय गांधी ताप बिजली ग्रह की यूनिट नंबर 1 के बॉयलर के कार्य को दो ठेकेदारों को लगभग 9.30 करोड़ रुपए में ठेका प्रबन्धन द्वारा दिया गया है जिसके अंतर्गत यूनिट नंबर 1 के सालाना मेंटेनेंस का काम हुआ और अब चार नंबर यूनिट को वार्षिक रखरखाव के नाम पर 4 जुलाई से बंद कर सुधार कार्य जारी है। परंतु 17 जुलाई को मध्य रात्रि 1 बजे यूनिट नंबर 1 के बॉयलर मे लीकेज होने के कारण यूनिट को बंद होना पड़ा विदित हो कि बॉयलर के मेंटेनेंस के ब्वॉयलर ट्यूब के बदल कर नया लगाये जाने के साथ थिकनेस मेजरमेंट, हाय प्रेसर बेल्डिंग,हाइड्रोलिक टेस्ट ,रेडियो ग्राफिक टेस्ट आज महत्वपूर्ण परीक्षण किए जाने के बाद इकाइयों को संचालित किया जाता है और बेहतर ढंग से बॉयलर के संधारण के बाद इकाइयां निरंतर विद्युत उत्पादन देने में सक्षम होती है परंतु निर्माण की गुणवत्ता में भारी हेरा फेरी के कारण यहां की 210 मेगा वाट की इकाई जिसका अभी सालाना मेंटेनेंस हुआ है उसके बन्द होने के साथ ही प्लांट में लीपापोती साफसफाई तक कार्य होने और बड़े खेल की जोरदार चर्चाएं दबी जुबान से हो रहीं हैं ।
करोड़ो खर्च के बाद भी आये दिन बंद हो रही यूनिटे